यूएन में बोली सोडा की सरपंच, रफ्तार बढ़ाओ
राजस्थान के गांव की सरपंच छवि राजवत जब दुनिया की सबसे बड़ी सभा संयुक्त राष्ट्र में बोलने के लिए खड़ी हुईं, तो पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा. रेतीली धरती से आई इस आवाज में चाह की तपिश को दुनियाभर ने महसूस किया
छवि राजावत ने संयुक्त राष्ट्र में दुनिया के नेताओं से कहा कि लोगों के सपने छोटी छोटी जरूरतों के हैं और अगर उन्हें पूरा करना है तो विकास की गति तेज करनी होगी.
जयपुर से 60 किलोमीटर दूर सोडा गांव की सरपंच राजावत ने कहा, "अगर भारत उसी रफ्तार से विकास करता रहेगा, जैसे वह पिछले 65 साल से कर रहा है, तो यह काफी नहीं है. वे लोग जो साफ पानी, बिजली, टॉयलेट, स्कूल और नौकरियों के सपने देखते हैं, उनके सपने पूरे नहीं हो पाएंगे."
संयुक्त राष्ट्र की 11वीं सूचना-गरीबी विश्व कांग्रेस में राजावत ने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि विकास की रफ्तार को बढ़ाया जा सकता है. राजावत दो दिन की एक चर्चा में हिस्सा लेने संयुक्त राष्ट्र पहुंची हैं. इस चर्चा में गरीबी से लड़ने में सिविल सोसाइटी की भूमिका पर विचार हो रहा है. राजावत ने कहा कि अब विकास के लिए नई रणनीति की जरूरत है जिसमें ई प्रशासन जैसी आधुनिक तकनीकों की अहम भूमिका होनी चाहिए.
30 साल की छवि राजावत इसी साल फरवरी में टोंक जिले के सोडा गांव की सरपंच चुनी गईं. उनका सपना अपने गांव के लोगों के लिए पीने का साफ पानी मुहैया कराना है. वह अपने गांव और समाज में बड़े बदलाव की कोशिश कर रही हैं. अंग्रेजी कालेज में मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुकीं राजावत अपने गांव की सभाओं में जीन्स टीशर्ट में पहनकर हिस्सा लेती हैं जबकि राजस्थान में आज भी लड़कियों को पैदा होते ही मार देने की खबरें सुनने को मिल जाती हैं.
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